तीन अंको से संबंधित शब्द
*तीन शक्तियां-ब्रह्मा,विष्णु,महेश
*तीन काल -वर्तमान,भूत ,भविष्य
*तीन प्रकल्प -प्रातः,मध्याह्न,संध्या
*तीन अवस्थाएँ-बचपन,जवानी,बुढ़ापा
*तीन यात्रा-जन्म,जीवन,मरण
*तीन ऊर्जा-साकारात्मक,नाकारात्मक,मिश्रित
*तीन देवी-सरस्वती,लक्ष्मी,पार्वती
*तीन भगवान-राम,कृष्ण,बुद्ध
*तीन आराधना-आरती,कीर्तन,प्रार्थना
*तीन योग-आसन,प्राणायम,ध्यान
*तीन मंत्र-गायत्री,महामृत्युंजय,दुर्गा
*तीन विद्या-मंत्र,तंत्र,यंत्र
*तीन जप-वाचिक,उपांशु,मानसिक
*तीन साधना-देव,पितृ,योग
*तीन लोक-स्वर्गलोक,भूलोक,पाताललोक
*तीन भक्त-उत्तम,मध्यम,साधारण
*तीन हठ-बालहठ,स्त्रीहठ,राजहठ
*तीन शक्त्ति आत्मा के-मन,बुद्ध,अहंकार
*तीन प्रकार के लोग-विश्वासी,अविश्वसि,दुविधा
*तीन प्रकार की बुद्धि-रबड़ बुद्धि,चमड़ा बुद्धि, तैलीय
बुद्धि
*तीन प्रकार के व्यक्ति-मूर्ख,बुद्धिहीन,सामर्थ्यहीन
बुद्धि
*तीन प्रकार के व्यक्ति-मूर्ख,बुद्धिहीन,सामर्थ्यहीन
*तीन गुरु-दत्तात्रेय,हनुमान,माता-पिता
*तीन रस-सोमरस,सुरारस,मद्यरस
*त्रिदोश-वात,पित्त,कफ
*तीन ताप-दैहिक,दैविक,भौतिक
*तीन कर्म-कर्ता,करण,क्रिया
*तीन स्वर-उच्च,मध्यम,मंद
*तीन जीव-जलचर,थलचर,नभचर
*तीन मंगल स्वर-घंटी,शंख,बाँसुरी
*त्रिफला-आंवला,बहेडा,हरड़
*तीन प्रकार के विचार-भावविचार,कर्मविचार,बुद्धिविचार
*त्रिकालदर्शी-भूत,वर्तमान,भविष्य को देखने वाला
*तीन पवित्र सूत्र-मंगलसूत्र,रक्षासूत्र,संकल्पसूत्र
*तीन प्रकार की भक्ति-दान,परोपकार,सत्संग
*तीन प्रकार के पूजा-सात्विक,राजसिक,तामसिक
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